My favourite poetry
Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
© V. Ravi Kumar. All rights reserved.
Thursday, November 13, 2008
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीँ खाते बस्तियाँ जलाने में
हर धडकते पत्थर को लोग दिल समझते हैं
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में
बशीर बद्र
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