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Thursday, November 13, 2008

अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

घरों पे नाम थे, नामों के साथ ओहदे थे
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला

तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड आया था
फिर उसके बाद मुझे कोई अजनबी न मिला

ख़ुदा की इतनी बड़ी क़ायनात में मैं ने
बस एक शख़्स को मांगा मुझे वही न मिला

बशीर बद्र

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