Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
अगर वाक़ई तुम परेशान हो, किसी और से तज़क़िरा मत करो
आस होगा ना आसरा होगा, आने वाले दिनों में क्या होगा
मैं तुझे भूल जाऊंगा इक दिन, वक़्त सब कुछ बदल चुका होगा
आसमाँ भर गया परिन्दों से, पेड़ कोई हरा गिरा होगा
बशीर बद्र
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