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Wednesday, December 30, 2009

अल्लाह रे पाबन्दी-ए-आदाबे मुहब्बत

अल्लाह रे पाबन्दी-ए-आदाबे मुहब्बत
गुलशन में रहे और गुलिस्ताँ नहीं देखा

जिगर मुरादाबादी

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