Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
ये इश्क़ नहीं आसाँ इतना ही समझ लीजे
इक आग का दरया है और डूब के जाना है
आंसू तो बहुत हैं आंखों में 'जिगर' लेकिन
बिंध जाये तो मोती है, रह जाये तो दाना है
जिगर मुरादाबादी
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