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Monday, November 30, 2009

दिल कुछ इस सूरत से तड़पा उन को प्यार आ ही गया

काम आख़िर जज़्बये बे इख़्तियार आ ही गया

दिल कुछ इस सूरत से तड़पा उन को प्यार आ ही गया

जिगर मुरादाबादी

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