Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
काम आख़िर जज़्बये बे इख़्तियार आ ही गया
दिल कुछ इस सूरत से तड़पा उन को प्यार आ ही गया
जिगर मुरादाबादी
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