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Thursday, October 22, 2009

तख़ल्लुस दाग़ है और आशिक़ों के घर में रहता हूं

ख़ुदा रक्खे मुहब्बत ने किये आबाद घर दोनों
वो मेरे दिल में रहते हैं मैं उनके दिल में रहता हूं

कोई नामो निशां पूछे तो ऎ क़ासिद बता देना
तख़ल्लुस दाग़ है और आशिक़ों के घर में रहता हूं

दाग़ देहलवी

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