Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
कभी कभी तो छलक पड़ती है यूँही आंखें
उदास होने का कोई सबब नहीं होता
ख़ूबसूरत उदास ख़ौफ़ज़दा
वो भी है बीसवीं सदी की तरह
बशीर बद्र
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