Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
मुझे सुकून घने जंगलों में मिलता है
मैं रास्तों से नहीं मंज़िलों से डरता हूं
आज कमरे में नहीं बैठने वाला मौसम
बर्फ़ खिड़की से नहीं घर से निकल कर देखो
बशीर बद्र
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