© V. Ravi Kumar. All rights reserved.

Page copy protected against web site content infringement by Copyscape

Thursday, October 30, 2008

अब इतनी ज़ियादा सफ़ाई न दे

ख़ुदा हमको ऐसी ख़ुदाई ना दे
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे
अब इतनी ज़ियादा सफ़ाई न दे
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है
रहे सामने और दिखाई ना दे

No comments:

Post a Comment