इन दिनों मैं जिगर मोरादाबादी साहब को पढ़ रहा हूँ. हालांकि मैं उनका मुरीद नहीं हूँ, पर लगता है कि कुछ तो बात ज़रूर है. हाल ही में जदयू और भाजपा अलग हुए थे. आने वाले एक वर्ष में पता चलेगा कि जिगर का ये शेर किस पर ज़्यादा लागू होता है
तुम मुझ से छूट कर रहे सब की निगाह में
मैं तुमसे छूट कर किसी क़ाबिल नहीं रहा
tum mujhse chhooT kar rahe sab kee nigaah me.n
mai.n tumse chhooT kar kisee qaabil nahee.n rahaa
You seem to have prospered after breaking away from me
I on the other hand, have been devastated after this break up
Jigar Moradabadi
जिगर मोरादाबादी
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