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Tuesday, February 22, 2011

बशर आमाल कर अच्छे, तिरे उक़बा में काम आयें
वहाँ जन्नत नहीं मिलती यहाँ से साथ जाती है

हुआ है चार सजदों पर यह दावा ज़ाहिदो! तुमको
ख़ुदा ने क्या तुम्हारे हाथ जन्नत बेच डाली है

दाग़

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