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Tuesday, May 4, 2010

वो क्या रुकेगा भला चार बूंद की ख़ातिर

वो क्या रुकेगा भला चार बूंद की ख़ातिर
जो आ रहा हो समंदर को मार कर ठोकर

नदीम शाद

1 comment:

  1. बहुत उम्मीद है. एक इंकलाब है आप

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