My favourite poetry
Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
© V. Ravi Kumar. All rights reserved.
Friday, April 16, 2010
ख़ता मैंने कोई भारी नहीं की
ख़ता मैंने कोई भारी नहीं की
अमीर ए शहर से यारी नहीं की
किसी मनसब किसी उहदे की ख़ातिर
कोई तदबीर बाज़ारी नहीं की
मेरी बातों में क्या तासीर होती
कभी मैंने अदाकारी नहीं की
तबिश मेहदी
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