© V. Ravi Kumar. All rights reserved.

Page copy protected against web site content infringement by Copyscape

Tuesday, February 2, 2010

इज़्ज़त उसे मिली जो वतन से निकल गया

वो फूल सर चढ़ा जो चमन से निकल गया

इज़्ज़त उसे मिली जो वतन से निकल गया

मस्त कलकत्तवी

No comments:

Post a Comment