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Saturday, January 16, 2010

उसपे भला क्या बीती होगी जिसने शेर हज़ार कहे

हम पर दुख का परवत टूटा तब हमने दो चार कहे

उसपे भला क्या बीती होगी जिसने शेर हज़ार कहे

बालस्वरूप राही

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