Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
आपसे झुक के जो मिलता होगा
उसका क़द आपसे ऊंचा होगा
जिसकी फ़नकार का शहकार हो तुम
उसने बरसों तुम्हें सोचा होगा
सारी दुनिया हमें पहचानती है
कोई हमसा भी न तन्हा होगा
अहमद नदीम क़ासमी
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