My favourite poetry
Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
© V. Ravi Kumar. All rights reserved.
Sunday, December 20, 2009
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
ग़रमिये हसरते नाकाम से जल जाते हैं
हम चराग़ों की तरह शाम से जल जाते हैं
जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं
क़तील शिफ़ाई
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