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Sunday, December 20, 2009

जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ

ग़रमिये हसरते नाकाम से जल जाते हैं
हम चराग़ों की तरह शाम से जल जाते हैं

जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ
जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं

क़तील शिफ़ाई

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