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Tuesday, October 6, 2009

आराम से वो हैं जो तकल्लुफ़ नहीं करते

ऎ ज़ौक़ तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासर
आराम से वो हैं जो तकल्लुफ़ नहीं करते

ज़ौक़

2 comments:

  1. सर, आज के जमाने में कोई भी इतनी मुश्किल उर्दू नही समझ सकता, थोडा समझा भी दें

    http://dunalee.blogspot.com/

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  2. आमीन जी

    पेश है मेरी तरफ़ से ये वज़ाहत/स्पष्टीकरण/explanation

    ज़ौक़ शायर का तख़ल्लुस है

    ऎ ज़ौक़ तकल्लुफ़ (यानि औपचारिकता यानि formality) में है तकलीफ़ (यानि परेशानी यानि trouble) सरासर (भरपूर या completely)
    आराम से वो हैं जो तकल्लुफ़ नहीं करते

    यानि बहुत ज़्यादा औपचारिक बरताव से परेशानी ही हासिल होती है
    जो लोग इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते वो इस परेशानी से परे हैं

    उम्मीद है ये काम आया होगा. मेरे ब्लॉग का फ़ॉर्मॅट यूं नहीं है कि उसमे शब्दों के अर्थ शामिल हों. पर अगर आप को कभी कोई दिक्कत हो तो ज़रूर लिखें. मैं समझाने की कोशिश करूंगा.

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