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Sunday, July 12, 2009

तमाम ऊंचे दरख़्तों से बच के चलता हूं

तमाम ऊंचे दरख़्तों से बच के चलता हूं

मुझे ख़बर है के साया किसी के पास नहीं

मुमताज़ शकेब

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