Urdu, Hindi, Sanskrit, English, Greek and Latin - all the poetry that has touched me.
मैंने इस ख़ौफ़ से बोये नहीं ख़्वाबों के दरख़्त
कौन जंगल में उगे पेड़ को पानी देगा
दाराब बानो वफ़ा
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