बात कम कीजे ज़हानत को छुपाते रहिये
ये नया शहर है कुछ दोस्त बनाते रहिये
दुश्मनी लाख सही ख़त्म ना कीजे रिश्ता
दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते रहिये
निदा फ़ाज़ली
ये नया शहर है कुछ दोस्त बनाते रहिये
दुश्मनी लाख सही ख़त्म ना कीजे रिश्ता
दिल मिले या ना मिले हाथ मिलाते रहिये
निदा फ़ाज़ली
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