क़ासिद तिरी हड़ताल के क़ुरबान जाइये
वो आगये हैं ख़ुद मिरे ख़त के जवाब में
साजन
जब पोस्टल विभाग की हड़ताल होती थी, तो यही कैफ़ियत हमारी भी हुआ करती थी...पर अब तो कुरियर का ज़माना है. यक़ीन जानिये, डाकिये यानि क़ासिद को देख कर अर्सा हो गया है.
कुरियर की तो स्ट्राइक हुई नहीं अब तक...अगर हुई तो शेर ये उपयुक्त है उसके लिये
वो आगये हैं ख़ुद मिरे ख़त के जवाब में
साजन
जब पोस्टल विभाग की हड़ताल होती थी, तो यही कैफ़ियत हमारी भी हुआ करती थी...पर अब तो कुरियर का ज़माना है. यक़ीन जानिये, डाकिये यानि क़ासिद को देख कर अर्सा हो गया है.
कुरियर की तो स्ट्राइक हुई नहीं अब तक...अगर हुई तो शेर ये उपयुक्त है उसके लिये
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