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Thursday, October 9, 2008

वो ज़ाफ़रानी पुलोवर उसी का हिस्सा है

अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हंसता है
मैं चाहता हूं ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे

वो ज़ाफ़रानी पुलोवर उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे

बशीर बद्र

1 comment:

  1. वो ज़ाफ़रानी पुलोवर उसी का हिस्सा है
    कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे
    bahut umda
    regards

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